Gam Bhari Shayari | कभी मुझसे गले | Gam Shayari in Hindi
Gam Bhari Shayari | ये शायरी हम | Gam Shayari in Hindi
बड़े वक़्त
के बाद रिश्तो ने
दुआ सलाम
की है
लगता है कुछ
ज़रूरी
काम आ गया
होगा।
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बड़े लापरवाह
हो गए है वो ,
उनकी कितनी
ही परवाह कर लू
फिर भी बेपरवाह
ही रहते है।
Gam Bhari Shayari | ज़िन्दगी में कौन गम | Gam Shayari in Hindi
मुझे मारना
था
तो 1 पल में ही मार देते
यु पल-पल
मुँह मोड़कर
मेरा दम क्यू
घोट रखा है।
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इतने बेपरवाह
है मेरे रिश्ते
कि वक़्त निकालने
की
ज़हमत तक नहीं उठाते।
Gam Bhari Shayari | मेरे आसमा मेरे जमीन | Gam Shayari in Hindi
जुदाईयोँ
का मौसम है
अपार यादों
को तो बरसना ही था।
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काश खुद में
मग्न रहना आता ,
ताकि गमों
का आना-जाना
कभी सता ही
नहीं पाता।
Gam Bhari Shayari | तुम्हे क्या दोष दू | Gam Shayari in Hindi
ग़मो का बाजार
खाली पड़ा है
हर किसी के
पास गम जो पड़ा है।
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कोई किसी
का नहीं है
ये बात एकदम
सही है।
Gam Bhari Shayari | जब तुम मेरी | Gam Shayari in Hindi
मैं लाख जलाता
हु यादें उसकी
पर ये है
कि भस्म नहीं होती।
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इक उम्र बिता
दी तकलीफों के साथ
अब तकलीफे
ना हो तो तकलीफ होती है।
Gam Bhari Shayari | कुछ ज्यादा ही मोहब्बत | Gam Shayari in Hindi
मुश्किल हो
जाता है
जिनसे ज़ख्म
मिले
उन्ही के
जख्मों पर
मरहम लगाना।
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आंसुओं को
अंदर रखते हो ,
तभी तो गम
अंदर ही बैठा है।
Gam Bhari Shayari | किसी ना किसी दिन | Gam Shayari in Hindi
खुदा जाने
क्या कमी रह गयी थी
हमारी मोहब्बत
में
हमने उन्हें
अपना खुदा माना
पर उन्होंने
हमें कुछ नहीं।
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ज़िन्दगी की
खबर लेने को अब
जी नहीं चाहता
आलम ये है
कि
मैं खुद से
ही बेखबर हु।
Gam Bhari Shayari | ना जाने ये दिल | Gam Shayari in Hindi
ना जाने ये दिल
क्यू कहता है,
कि तुम बेवफा नहीं हो
तुम लौट कर ज़रूर आओगे,
चाहे तुम कही
हो .*******
ये रिश्तों
के तौर-तरीके
कोई हमें
भी सिखा दे ,
ताकि कुछ
रिश्ते हमारे
और हम कुछ
रिश्तों के हो जाए।
Gam Bhari Shayari | जिसके बिना 1 पल भी | Gam Shayari in Hindi
जिसके बिना 1 पल भी
गुजारना मुश्किल
था
पर सितम तो
देखिये,
आज उसके बिना –
“ ज़िन्दगी गुज़र
रही है ”